अपना खुद का एक घर होना हर किसी का सपना होता है. लोगों को प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इनकम टैक्स एक्ट,1961 के तहत इस प्रकार के इन्वेस्टमेंट पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लाभ प्रदान करती है. आपको सभी प्रकार के होम लोन टैक्स लाभों की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि यह जानकारी टैक्स के रूप में खर्च होने वाला आपका बहुत सा पैसा बचा सकती है.
किसी भी होम लोनके दो पहलू होते हैं, मूलधन या प्रिंसिपल रीपेमेंट और ब्याज का भुगतान. इन दोनों श्रेणियों में इनकम टैक्स एक्ट की धारा क्रमशः
मूलधन के रीपेमेंट पर
मिलने वाली टैक्स कटौतियां
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80(c) के तहत, EMI के मूलधन रीपेमेंट भाग के भुगतान पर हर फाइनेंशियल वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख की टैक्स कटौती का लाभ उठाया जा सकता है. इस कटौती का लाभ प्रॉपर्टी का निर्माण पूरा हो जाने के बाद ही उठाया जा सकता है. ध्यान दें: यदि आप कब्जा पाने के 5 साल के भीतर अपनी प्रॉपर्टी बेच देते हैं तो यह लाभ वापस ले लिया जाता है. इस कारण से आपको समय सीमा की जानकारी होना बहुत आवश्यक है.
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर
मिलने वाली कटौतियां
धारा 80(c) के तहत टैक्स कटौती का दावा स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन यह दावा मूलधन रीपेमेंट के लिए लागू ₹1.5 लाख की समग्र सीमा के भीतर होना चाहिए. अगर आपने होम लोन नहीं लिया है तो भी आप इस लाभ का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा, यह लाभ केवल उसी वर्ष में लिया जा सकता है जिस वर्ष ये सभी खर्च हुए हों.
ब्याज की राशि पर टैक्स कटौती
मूलधन रीपेमेंट के लिए उपलब्ध लाभों के अलावा, आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961.की धारा 24(b) के तहत अपने होम लोन पर दिए गए ब्याज पर भी टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं. अगर घर आपके खुद के नाम पर है तो आप अपनी सकल आय से सालाना ₹2 लाख की अधिकतम कटौती का दावा कर सकते हैं, बशर्ते घर का निर्माण 5 सालों के भीतर पूरा हुआ हो. यदि निर्माण अवधि निर्धारित समयावधि से अधिक है, तो आप सालाना ₹30000 की कटौती का दावा कर सकते हैं. दूसरी ओर, यदि आपने अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर दे दिया है, तो आपके होम लोन पर भुगतान की गई ब्याज की पूरी राशि पर टैक्स कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है; इसके अतिरिक्त, इस स्थिति में प्रॉपर्टी का निर्माण पूरा होने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है.
पहली बार घर खरीद रहे लोगों को मिलने वाली कटौतियां
ऊपर उल्लिखित कटौतियों के अलावा, धारा 80EE के तहत पहली बार घर खरीद रहे लोगों के लिए अतिरिक्त लाभ उपलब्ध करवाए गए हैं, जिसके तहत आप अपने होम लोन का रीपेमेंट हो जाने तक सालाना ₹Rs 50,000 तक की अतिरिक्त ब्याज राशि का दावा कर सकते हैं. यह कटौती केवल 1stअप्रैल 2016 > से 31st मार्च 2017 के बीच लिए गए लोन के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा, इस विकल्प का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है कि लोन की राशि ₹35 लाख और प्रॉपर्टी की कीमत ₹50 लाख से अधिक न हो.

जॉइंट होम लोन पर मिलने वाली कटौतियां
उपलब्ध टैक्स कटौतियों का पूरा-पूरा लाभ उठाने के लिए आपको जॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति ₹ 2 लाख तक की ब्याज पर टैक्स कटौती और ₹ 1.5 लाख तक मूलधन पर टैक्स कटौती का दावा कर सकता है, और इस प्रकार से अकेले अप्लाई करने के मुकाबले दोगुनी टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है. हालांकि जॉइंट होम लोन लेने के लिए दोनों एप्लीकेंट का प्रॉपर्टी का सह-मालिक होना आवश्यक है.
HRA और होम लोन लाभ
अगर आपने होम लोन लिया है और आप किराए के घर में रह रहे हैं तो आप अपने होम लोन और हाउस रेंट अलाउंस दोनों से संबंधित सभी टैक्स कटौतियों का लाभ उठा सकते हैं. HRA का दावा निम्न के न्यूनतम मूल्य के आधार पर किया जा सकता है:
- आपके नियोक्ता से प्राप्त वास्तविक HRA
- यदि आप महानगरों में निवास करते हैं तो आपके वेतन का 50 प्रतिशत या अन्य शहरों के लिए वेतन का 40प्रतिशत
- वास्तविक किराया माइनस आपके वेतन का 10 प्रतिशत
दूसरी प्रॉपर्टी पर मिलने वाले
टैक्स लाभ
फाइनेंशियल बजट 2019 के अनुसार, भारत सरकार ने हाउस प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. इससे पहले, केवल एक प्रॉपर्टी को खुद के कब्जे वाली प्रॉपर्टी माना जा सकता था, और दूसरी प्रॉपर्टी होने पर उसके अनुमानित किराए का आकलन किया जाता था और उसे व्यक्ति की आय में जोड़ा जाता था. वर्तमान फाइनेंशियल बजट में खुद के कब्जे वाली दूसरी प्रॉपर्टी पर लिए जाने वाले किराए पर छूट दे दी गई है.
हालांकि होम लोन लेना एक बहुत बड़ी फाइनेंशियल लागत होती है, लेकिन अगर आप अपने लोन का समझदारी से उपयोग करें तो आप अधिकतम संभव टैक्स कटौतियां प्राप्त कर सकते हैं और अपने फाइनेंशियल बोझ को कुछ हद तक कम कर सकते हैं.